छत्तीसगढ़ l कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आवास में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापेमारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक ED ने 2019 में करीब 2100 करोड़ के शराब घोटाले को लेकर उन पर यह छापेमारी की है। काफी लंबी पूछताछ के बाद निम्नलिखित बाते सामने निकल कर आई हैं। जिसके चलते पूरे राज्य भर में कांग्रेस समर्थकों और कार्यकर्ताओं का आक्रोश है।
तो चलिए बताते हैं कि ED की छापेमारी में क्या कुछ मिला, राज्य में समर्थकों का क्या प्रतिक्रिया है? तथा छत्तीसगढ़ CM विष्णुदेव साय जी तथा टी.एस. सिंह देव जी ने क्या कुछ कहा? ED की छापेमारी कब शुरू हुई और कितने घंटे पूछताछ चली और क्या है ये शराब घोटाला? इन सभी को विस्तार से बताते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री के घर ED की छापेमारी
• सोमवार सुबह लगभग 7 बजे प्रवर्तन निदेशालय ईडी के द्वारा कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व CM भूपेश बघेल के भिलाई मानसरोवर कॉलोनी स्थित आवास में छापेमारी की गई है। ED का आरोप है कि राज्य में हुए करीब 2100 करोड़ के शराब घोटाले में पूर्व CM का भी हाथ था। जिसके चलते उन्होंने यह छापेमारी करी है।
• ED ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल के साथ उनके सभी करीबियों के घरों में भी छापेमारी करी है। बताया जा रहा है कि सेंट्रल जांच एजेंसी ED ने पूर्व CM के मुख्य आवास और उनके सभी कैंप कार्यालयों में एक साथ छापेमारी करी है।
• इसके साथ ही जांच एजेंसी ने दुर्ग लोकसभा प्रत्याशी रहे राजेंद्र साहू, जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष मुकेश चंद्राकर, होटल कैंबियन संचालक कमल अग्रवाल, बिल्डर पप्पू बंसल, अजय चौहान, मनोज राजपुत सहेली ज्वेलर्स संचालक सुनील जैन, राइस मिलर विनोद अग्रवाल, सुनील अग्रवाल, ट्रांसपोर्ट व्यवसायिक संदीप सिंह और अभिषेक ठाकुर सहित 14 ठिकानों पर छापेमारी करी है।
• पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सभी कारों के अलावा उनके परिवार वालों के सभी कारों की भी बारीकी से जांच की गई। परिवार वालों के बच्चे से लेकर बुजुर्गों तक के कमरों को तलाशा गया। इतना ही नहीं ED द्वारा बैंक से घर में पैसे गिनने वाली मशीन भी मंगाई गई।
CRPF जवानों के साथ पहुंची ED
10 मार्च को करीब सुबह 7 बजे ED की टीम छापेमारी के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर पहुंची थी। ये सभी प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम 4 इनोवा कारों से CRPF जवानों के साथ भिलाई स्थित पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आवास पर पहुंची थी। और उन्होंने उनके घर के सभी कमरों समेत सभी कारों की भी छानबीन करी है।
जानकारी के मुताबिक ED ने भूपेश बघेल को विधानसभा जाने से भी मना कर दिया और कहा अगर आप यही रहेंगे तो अच्छा रहेगा। इसीलिए वे रुक गए और इस तरह ED ने उनसे और उनके पुत्र चैतन्य बघेल से इस मामले को लेकर पूरे 11 घंटे तक पूछताछ करी है। और ये ED की कोई नई बात नहीं है। विपक्ष के नेतृत्व में ED ने कई अलग अलग कांग्रेसी नेताओं समेत अलग-अलग पार्टियों के विधायकों और मंत्रियों के घरों में भी छापेमारी कर चुकी है।
8 बजे से जुटने लगे कांग्रेसी कार्यकर्ता और समर्थक
प्रदेश में जैसे ही भूपेश बघेल के आवास में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी की भनक लगी। राज्य की सभी कांग्रेसी कार्यकर्ता सुबह के आठ बजे से भूपेश बघेल के आवास के पास जुटने लगे। दूर-दूर से प्रदेश के कांग्रेसी समर्थक पूर्व CM आवास पर पहुंच गए। और देखते ही देखते बड़ी भीड़ इकट्ठी हो गई। इसी दौरान ED के साथ आए सुरक्षा बल CRPF के जवानों के संग भी कांग्रेसी समर्थकों कि बहस हो गई।
जिसके बाद सभी कांग्रेसी कार्यकर्ता और समर्थक आवास के बाहर धरने पर बैठ गए। उनका कहना था कि जो ED उनके साथ कर रही है वह बिल्कुल गलत कर रही है। हम तब तक यहां बैठे रहेंगे जब तक कि ईडी यहां से चली नही जाती। साथ ही भूपेश बघेल जिंदाबाद के नारे भी लगाए गए। समर्थकों ने ED के पुतले भी जलाए। समर्थकों का इस तरीके का प्रतिक्रिया का कारण ये भी हो सकता है, क्योंकि कई बार सत्ता पक्ष बीजेपी पर, ED और IT जैसी जांच एजेंसियों पर दबाओ बनाकर विपक्ष पार्टियों पर बिना किसी वजह के छापेमारी की आरोप भी लगे हैं।
सदन में कांग्रेसी विधायकों ने किया हंगामा
पूर्व CM भूपेश बघेल के घर सहित 14 ठिकानों पर ईडी की छापेमारी से निराश कांग्रेस के विधायकों ने सदन के अंदर बाहर हंगामे भी किए। जैसे ही सदन के गर्भगृह में विधायकों ने प्रवेश किया उसके बाद कांग्रेस के सभी विधायक अंदर धरने पर बैठ गए और हंगामे भी हुए जिसकी वजह से सदन को 10 मिनिट तक स्थगित किया गया। लेकिन जब हंगामे खत्म नहीं हुए तो इसी बीच सदन की कार्रवाई भी चलती रही।
और जब ये ज्यादा ही हो गया तो विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह द्वारा कांग्रेस के 14 विधायकों को सदन से स्वमेव निलंबित कर दिया गया। जिसके बाद इन्होंने सदन के बाहर गांधी प्रतिमा के सामने बैठ कर नारे बाजी करने शुरू कर दिए और ED का दुरूपयोग कर विपक्ष को दबाने कि साजिश बताई गई।
33 लाख ले गई ED की टीम – भूपेश बघेल
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच पड़ताल पूरी होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस रिर्पोट में इसकी जानकारी दी है। भूपेश बघेल जी ने कहा कि हम सुबह 7 बजे चाय पी रहे थे। तभी ईडी की टीम घर पर पहुंची और हमने उनका स्वागत भी किया।
जांच पड़ताल में उन्होंने बच्चे समेत बुजुर्गों तक के सभी कमरों की छानबीन करी और उन्हे घर के अलग-अलग लोगों जैसे – पत्नी, बेटी, बेटे और बहु तथा घर के खर्च के लिए रखे कैश को मिलाकर लगभग 33 लाख रुपए की नगद राशि मिली है। जिसको ये ज्यादा ही बड़ा माहौल बना रहे हैं कि मशीन गिनने की मशीन मंगाई गई आदि। लेकिन हम लिखित हिसाब दे देंगे।
इसी के साथ भूपेश बघेल की 150 एकड़ की कृषि जमीन के दस्तावेजों को भी देखा गया। ईडी को घर से एक पेनड्राइव भी मिली जिसकी जांच पड़ताल की गई।
भूपेश बघेल सहित कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने क्या कहा
इस छापामारी को लेकर भूपेश बघेल जी ने कहा कि यह सत्ता विपक्ष की साजिश है। मुझे पंजाब का प्रभार मिलने की वजह से भाजपा बौखलाई हुई है। इसी के साथ भूपेश बघेल ने कहा यह कार्यवाही गरीबों के पक्ष में विधानसभा में मेरे द्वारा पूछे गए सवालों की वजह से हो रही है। इससे पहले भी जब पूर्व मंत्री कवासी लखमा ने ऐसे सवाल विधानसभा में उठाए थे तब भी उन पर विपक्ष के द्वारा इसी तरह की ED की छापेमारी कराई गई थी।
भूपेश बघेल जी ने कहा पहले जब ईडी की छापेमारी होती थी तो लगता था कि सच में कुछ तो गलत हुआ होगा, तभी ईडी छापेमारी कर रही है। लेकिन पिछले कुछ सालों से भारतीय जनता पार्टी ED का इस्तेमाल केवल विपक्ष को परेशान करने, दबाने के लिए कर रही है।
पूर्व डिप्टी CM टी.एस.सिंह देव की प्रतिक्रिया
इस मामले को लेकर प्रदेश के पूर्व डिप्टी CM श्री टी एस सिंह देव जी ने भी अपनी प्रतिक्रिया रखी है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों से मतलब जब से भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई है तब ये ED, CBI और IT जैसी जांच एजेंसियों का बहुत गलत तरीके से उपयोग कर रही है। भारतीय जनता पार्टी विपक्ष को दबाने, परेशान करने के लिए इसका उपयोग कर रहे हैं, जो बिल्कुल गलत है।
CM विष्णुदेव साय का बयान
प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया रखी है। इन्होंने विपक्ष पर सीधे हमला करते हुए कहा कि इनकी सरकार ने अपने 5 साल के शासनकाल में कई अलग-अलग तरह से घोटाले किए हैं। जिसकी वजह से कई लोग आज जेल में हैं और कई लोग जाने की तैयारी में भी हैं। जिसकी जांच देश की केंद्रीय एजेंसियां कर रही हैं और इस पर राज्य का कोई दखल नहीं है।
इसी के साथ भाजपा डिप्टी CM ने भी अपनी प्रतिक्रिया रखी है और कहा कि ईडी को जांच के दौरान जैसे-जैसे तथ्य, सुराग मिलते जा रहे उसी हिसाब से वह आगे की कार्यवाही कर रही है।
क्या है शराब घोटाला मामला ?
जानकारी के मुताबिक सबसे पहले राज्य में 2019 में शराब घोटाला सामने आया था। जिसमें लगभग 2100 करोड़ रुपए के घोटाले कि खबर सामने आई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक नकली होलोग्राम के जरिए राज्य में शराब बेचे जा रहे थे। स्कैनिंग से बचने के लिए राज्य में नकली होलोग्राम का इस्तेमाल किया जा रहा था। बताया जा रहा है कि इसका टेंडर नोएडा की कंपनी को मिला था। लेकिन टेंडर में कई नियमों का उल्लंघन किया गया।
इस टेंडर के बदले करोड़ो रुपए के कमीशन का आरोप है। पूर्व आबकारी मंत्री पर लगभग 72 करोड़ रुपए के कमीशन लेने का आरोप है। इसी के साथ पूर्व IAS अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर और कई अफसरों को अब तक इस मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है। जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी के बेटे चैतन्य बघेल तक ये जांच एजेंसी पहुंची है। ED की छापेमारी में कुछ ऐसा ही खबर सामने आ रही है।